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यदि किसी अन्य धर्म का व्यक्ति किसी विशेष हिंदू देवता में आस्था रखता है, तो उसे उस देवता के मंदिर में प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता
मामला: सी सोमन बनाम सचिव, हिंदू धार्मिक धर्मार्थ विभाग और अन्य
बेंच: जस्टिस पीएन प्रकाश और आर हेमलता
मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में फैसला सुनाया कि यदि किसी अन्य धर्म का व्यक्ति किसी विशेष हिंदू देवता में आस्था रखता है, तो उसे उस देवता के मंदिर में प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता।
पीठ ने उपरोक्त टिप्पणियां एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर कीं, जिसमें तिरुवत्तार में अरुलमिघु आदिकेशव पेरुमल थिरुकोविल के कुंभबीशेगम उत्सव में गैर-हिंदुओं के भाग लेने पर रोक लगाने के लिए अदालती आदेश की मांग की गई थी।
यह जनहित याचिका सी. सोमन नामक व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी, क्योंकि उन्हें महोत्सव के आयोजन के लिए आमंत्रण मिला था, जिसमें एक ईसाई पादरी का नाम भी शामिल था।
इस मुद्दे पर विचार करते हुए पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे जन्म से ईसाई डॉ. के.जे. येसुदास के भक्ति गीत भी नागोर दरगाह और वेलांकनी चर्च जैसे मंदिरों में बिना किसी हिचकिचाहट के बजाए जाते हैं।
न्यायालय ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कुंभाबिषेगम जैसे उत्सव के दौरान प्रत्येक भक्त की धार्मिक पहचान की जांच कर उन्हें मंदिर में प्रवेश की अनुमति देना प्राधिकारियों के लिए असंभव होगा।