Talk to a lawyer @499

भारतीय दंड संहिता

आईपीसी धारा 295 – धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए पूजा स्थल या प्रतीक को नुकसान पहुँचाना

यह लेख इन भाषाओं में भी उपलब्ध है: English | मराठी

Feature Image for the blog - आईपीसी धारा 295 – धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए पूजा स्थल या प्रतीक को नुकसान पहुँचाना

जो कोई किसी पूजा स्थल को नष्ट करता है, नुकसान पहुँचाता है या अपवित्र करता है, या किसी वर्ग के लोगों द्वारा पवित्र माने जाने वाले किसी वस्तु को, इस नीयत से कि वह उस वर्ग के धर्म का अपमान करे, या यह जानते हुए कि ऐसा करना उनके धर्म का अपमान माना जाएगा — उसे दो साल तक की सजा, जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

IPC धारा 295: सरल व्याख्या

इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी धर्मस्थल या पवित्र वस्तु को जानबूझकर नुकसान पहुँचाता है या अपवित्र करता है, और उसका उद्देश्य किसी धर्म या धार्मिक वर्ग का अपमान करना है, तो यह अपराध माना जाता है।

ऐसा करने वाले को 2 वर्ष तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

IPC धारा 295 के मुख्य बिंदु

अपराध

पूजा स्थल या धार्मिक वस्तु को नुकसान पहुँचाना या अपवित्र करना, यदि इसका उद्देश्य किसी धर्म का अपमान हो।

दंड

2 वर्ष तक का कारावास, जुर्माना, या दोनों

संज्ञेयता

संज्ञेय (Cognizable)

जमानत

गैर-जमानती (Non-bailable)

विचारण

किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा

समझौता योग्य

असमझौता योग्य (Not compoundable)