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भारतीय दंड संहिता

आईपीसी धारा 387 - किसी व्यक्ति को मृत्यु का भय दिखाना

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जो कोई जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को या किसी अन्य को मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालेगा या डालने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

आईपीसी धारा 387: सरल शब्दों में समझाया गया

अगर कोई व्यक्ति किसी चीज़ को ज़बरदस्ती लेने के लिए जानबूझकर किसी को मारने या चोट पहुँचाने की धमकी देता है, तो इसे "जबरन वसूली" कहा जाता है। यह धमकी किसी भी रूप में हो सकती है, जिसमें डराने वाले इशारे, बंदूक या चाकू दिखाना आदि शामिल हैं।

ऐसा कृत्य करने पर 7 वर्ष तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

आईपीसी धारा 387 का मुख्य विवरण:

अपराध जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को मौत या गंभीर चोट के डर में डालना
सज़ा सात वर्ष तक का कारावास और जुर्माना
संज्ञान उपलब्ध किया हुआ
जमानतीय है या नहीं? गैर जमानती
द्वारा परीक्षण योग्य कोई भी मजिस्ट्रेट
समझौता योग्य अपराधों की प्रकृति समझौता योग्य नहीं