Talk to a lawyer @499

भारतीय दंड संहिता

आईपीसी धारा 4 | IPC Section 4 in Hindi

Feature Image for the blog - आईपीसी धारा 4 | IPC Section 4 in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC) वह कानून है जिसके तहत भारत में आपराधिक मामलों को नियंत्रित किया जाता है। यह संहिता न केवल भारत की सीमाओं के भीतर लागू होती है, बल्कि इसके कुछ प्रावधान भारत के बाहर किए गए अपराधों पर भी लागू होते हैं। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण प्रावधान है IPC की धारा 4, जो "एक्स्ट्रा-टेरेटोरियल अपराधों" यानी भारत की सीमा से बाहर किए गए अपराधों पर लागू होती है। यह धारा भारतीय नागरिकों, भारतीय पंजीकृत जहाज़ों और विमान, और भारत की कंप्यूटर संसाधनों को लक्षित साइबर अपराधों पर भी लागू होती है।

कानूनी प्रावधान

IPC की धारा 4: "सीमा के बाहर किए गए अपराधों पर संहिता का विस्तार" कहती है:

इस संहिता के प्रावधान लागू होते हैं:

  1. किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा भारत के बाहर किसी भी स्थान पर किए गए अपराध पर,
  2. किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी भारतीय-पंजीकृत जहाज़ या विमान पर किए गए अपराध पर,
  3. किसी भी व्यक्ति द्वारा भारत के बाहर से भारत में स्थित किसी कंप्यूटर संसाधन को लक्षित कर किए गए साइबर अपराध पर।

व्याख्या:

  • “अपराध” में वे सभी कृत्य शामिल हैं, जो भारत के बाहर किए जाने पर भी भारत में किए जाते तो IPC के तहत दंडनीय होते।
  • “कंप्यूटर संसाधन” की परिभाषा आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 2(1)(k) में दी गई है।

उदाहरण: यदि कोई भारतीय नागरिक ‘A’ युगांडा में हत्या करता है, तो उसे भारत में कहीं भी गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया जा सकता है।

धारा 4 की व्याख्या

IPC की धारा 4, भारत के आपराधिक कानून के क्षेत्राधिकार को देश की सीमाओं के बाहर तक बढ़ाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय नागरिक या अन्य व्यक्ति भारत से बाहर अपराध करके सज़ा से न बच सकें, खासकर जब उनका कृत्य भारत पर प्रभाव डालता हो। यह प्रावधान वैश्वीकरण के इस युग में और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

धारा 4 के प्रमुख बिंदु

  • भारत के बाहर के अपराधों पर नियंत्रण: भारतीय नागरिक अगर विदेश में अपराध करता है, तब भी उसे भारत में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
  • जहाज़ और विमान: अगर कोई व्यक्ति भारतीय पंजीकृत जहाज़ या विमान पर अपराध करता है, तो वह IPC के तहत दंडनीय है।
  • साइबर अपराध: यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर से भारत के किसी कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क को निशाना बनाता है, तो वह भी IPC के तहत दंडनीय होगा।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: यह धारा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप काम करती है, जिससे विदेशों में किए गए अपराधों के लिए भारत में कार्रवाई हो सकती है।

धारा 4 से जुड़े कानूनी पहलू (Table)

प्रावधान विवरण
भारतीय नागरिकों पर अधिकार विदेश में अपराध करने वाले भारतीय नागरिक भारत में अभियोजित किए जा सकते हैं।
भारतीय जहाज़/विमान पर अपराध भारतीय पंजीकृत जहाज़ या विमान पर कोई भी अपराध IPC के तहत आता है।
भारत को निशाना बनाने वाले साइबर अपराध विदेश से किए गए साइबर अपराध जो भारतीय कंप्यूटर संसाधन को निशाना बनाते हैं, IPC के तहत दंडनीय हैं।
अपराध की परिभाषा वह कोई भी कृत्य जो भारत में किया गया होता तो IPC के तहत अपराध होता, उसे अपराध माना जाएगा।
प्रत्यर्पण (Extradition) यह प्रावधान भारत के बाहर भी भारतीय कानून लागू करने में सहायक है।

प्रमुख न्यायिक निर्णय

Mobarak Ali बनाम स्टेट ऑफ बॉम्बे

इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह तय किया कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा विदेश में किया गया कार्य भारत में परिणाम उत्पन्न करता है, तो भारत की अदालत को उस पर अधिकार होगा। यह निर्णय IPC की धारा 4 के तहत भारत के क्षेत्राधिकार को सुदृढ़ करता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी अपराधी सिर्फ इसलिए न बच सके क्योंकि उसने अपराध भारत के बाहर किया है।

निष्कर्ष

IPC की धारा 4 यह स्पष्ट करती है कि भारतीय कानून सिर्फ सीमाओं के भीतर तक ही सीमित नहीं है। जब भारत के नागरिक, संपत्ति (जैसे जहाज़ या विमान), या डिजिटल संसाधनों पर प्रभाव पड़ता है, तब भारत का कानून उन अपराधों पर भी कार्रवाई कर सकता है जो विदेश में हुए हों। यह प्रावधान एक वैश्विक न्याय प्रणाली की ओर भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. IPC की धारा 4 क्या है?

यह धारा उन मामलों पर लागू होती है जहाँ अपराध भारत की सीमा के बाहर हुआ हो लेकिन उसमें भारत या भारतीय नागरिक शामिल हों, या वह भारत को प्रभावित करता हो (जैसे साइबर अपराध)।

Q2. क्या कोई भारतीय नागरिक विदेश में अपराध करने पर भारत में मुकदमे का सामना कर सकता है?

हाँ, IPC की धारा 4(1) के तहत भारतीय नागरिक अगर विदेश में कोई अपराध करता है, तो उस पर भारत में मुकदमा चल सकता है।

Q3. क्या धारा 4 विदेशियों पर भी लागू होती है?

हाँ, अगर कोई विदेशी व्यक्ति भारतीय जहाज़ या विमान पर अपराध करता है, तो उस पर भी IPC लागू होता है।

Q4. यह धारा साइबर अपराधों को कैसे नियंत्रित करती है?

IPC की धारा 4(3) के तहत यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर से भारत के किसी कंप्यूटर या डिजिटल सिस्टम पर साइबर हमला करता है, तो उस पर भारत में केस चलाया जा सकता है।