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दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अश्लील/अश्लील गानों की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक निकाय गठित करने का निर्देश देने की मांग की गई

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Feature Image for the blog - दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अश्लील/अश्लील गानों की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक निकाय गठित करने का निर्देश देने की मांग की गई

9 अप्रैल 2021

दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें यूट्यूब, इंस्टाग्राम, स्पॉटिफाई आदि जैसे इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध गैर-फिल्मी अश्लील/अश्लील गानों की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक निकाय के गठन का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में उनके बोल/वीडियो को सेंसर करने के लिए एक नियामक प्राधिकरण/सेंसर बोर्ड की स्थापना करने की मांग की गई है। याचिका में यह भी निर्देश देने की मांग की गई है कि संगीतकारों के लिए अपने गाने प्रकाशित करने से पहले प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य बनाया जाए।

याचिकाकर्ताओं ने आगे कहा कि अगर ऐसी किसी भी सामग्री पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है तो यह लैंगिक समानता की दिशा में बाधा बन सकता है। इसके अलावा, गैर-फिल्मी गाने अपने घटिया गानों के माध्यम से महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने को बढ़ावा देते हैं। इससे बड़े पैमाने पर समाज और खासकर युवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

पीठ ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोटिस जारी किया तथा मामले को 17 मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

लेखक: पपीहा घोषाल