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दिल्ली हाईकोर्ट - मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना का लाभ उठाने के लिए दिल्ली का वोटर आईडी जरूरी नहीं
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना का लाभ दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत सभी अधिवक्ताओं को देने का आदेश दिया, चाहे वे कहीं भी निवास करते हों (दिल्ली या एनसीआर)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि लाभ प्राप्त करने के लिए दिल्ली के मतदाता पहचान पत्र पर जोर देना भेदभावपूर्ण और मनमाना है।
दिल्ली उच्च न्यायालय मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना का लाभ बीसीडी में पंजीकृत अधिवक्ताओं को देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, चाहे उनका नाम दिल्ली की मतदाता पहचान पत्र सूची में हो या न हो। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि वकीलों के अभ्यास के स्थान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि उनके निवास को। न्यायालय ने आगे कहा कि सभी अधिवक्ता राजधानी में रहने का खर्च नहीं उठा सकते।
योजना
पिछले साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए आवंटित 50 करोड़ रुपये का उपयोग करने के लिए एक समिति की घोषणा की और उसका गठन किया। दिल्ली सरकार ने इस साल की शुरुआत में इस योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत दिल्ली के वकीलों को ग्रुप मेडी-क्लेम, ग्रुप (टर्म) बीमा, ई-लाइब्रेरी और दिल्ली में वकीलों के लिए क्रेच सहित कई लाभ दिए जाते हैं।
यह वर्तमान याचिका इस वर्ष मार्च में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले लेकिन दिल्ली में काम करने वाले वकीलों को भी लाभ देने के लिए दायर की गई थी।
लेखक: पपीहा घोषाल