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भारत में दो समानांतर कानूनी प्रणालियाँ नहीं हो सकतीं - सुप्रीम कोर्ट

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हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि "भारत में दो समानांतर कानूनी प्रणालियां नहीं हो सकतीं, एक राजनीतिक शक्ति वाले अमीरों के लिए और दूसरी न्याय पाने की क्षमता से रहित छोटे लोगों के लिए"।


सुप्रीम कोर्ट की पीठ के न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने ये टिप्पणियां मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द करते हुए कीं, जिसमें उच्च न्यायालय ने हत्या के आरोपी गोविंद सिंह की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया था। गोविंद सिंह मध्य प्रदेश की बसपा विधायक रमाबाई सिंह के पति थे। उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता के बेटे की अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिनकी कथित तौर पर आरोपियों ने हत्या कर दी थी।


न्यायालय ने यह टिप्पणी तब की जब निचली अदालत के न्यायाधीश ने आरोप लगाया कि उन पर राजनीतिक दबाव डाला गया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस कृत्य की विधिवत जांच होनी चाहिए और यदि यह सत्य पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। जांच एक महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने हत्या के आरोपी विधायक के पति को गिरफ्तार करने में विफल रहने वाले मध्य प्रदेश के डीजीपी के व्यवहार की भी निंदा की।

लेखक: पपीहा घोषाल