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भगवान राम और भगवान कृष्ण को भारतीय संसद में कानून लाकर राष्ट्रीय सम्मान दिया जाना चाहिए - इलाहाबाद हाईकोर्ट

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकल पीठ ने कहा कि भगवान राम, भगवान कृष्ण, गीता और इसके लेखकों को भारतीय संसद में कानून लाकर राष्ट्रीय सम्मान दिया जाना चाहिए।

एकल पीठ ने फेसबुक पर भगवान राम और कृष्ण पर टिप्पणी करने के आरोपी आकाश जाटव को जमानत देते हुए ये टिप्पणियां कीं। न्यायमूर्ति यादव ने कहा, "भारत के महापुरुषों के खिलाफ की गई ऐसी अभद्र टिप्पणी बहुसंख्यक लोगों की आस्था पर चोट है और समाज में शांति और सद्भाव को नष्ट करती है।" अगर अदालत ऐसे लोगों को अनुमति दे रही है, तो यह देश में सद्भाव को बिगाड़ने के लिए उनके मनोबल को बढ़ाने वाला होगा।

जमानत देते हुए कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद में कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और कहा कि यह फैसला भगवान राम में आस्था रखने वालों के पक्ष में है। उन्होंने कहा, "राम इस देश के हर नागरिक के दिल में बसते हैं, वे भारत की आत्मा हैं, इस देश की संस्कृति है और भगवान राम के बिना भारत अधूरा है।"

न्यायालय ने कहा कि संविधान एक उदार दस्तावेज है जो अपने नागरिकों को ईश्वर में विश्वास करने या न करने की अनुमति देता है। हालांकि, नास्तिक को ईश्वर में विश्वास न करने की स्वतंत्रता है, लेकिन उसे अश्लील टिप्पणियां या तस्वीरें बनाकर उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रसारित नहीं करना चाहिए।

न्यायमूर्ति शेखर यादव ने आगे जोर देकर कहा कि भगवान के सम्मान के लिए कानून लाने के साथ-साथ "बच्चों को शिक्षित करने और स्कूलों में इसे अनिवार्य विषय बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन मूल्यों और अपनी संस्कृति से अवगत होता है।"

हाल ही में इसी जज ने गौहत्या के आरोपी एक व्यक्ति को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था और यह भी कहा था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार को गाय का अपमान करने वालों को सज़ा देने के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए और यह मौलिक अधिकारों के दायरे में होना चाहिए।


लेखक: पपीहा घोषाल