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दिल्ली हाईकोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग वाली याचिका, जिसमें उनके ट्वीट्स में 9 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर की गई थी

Feature Image for the blog - दिल्ली हाईकोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग वाली याचिका, जिसमें उनके ट्वीट्स में 9 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर की गई थी

मकरंद सुरेश नामक व्यक्ति ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर राहुल गांधी के खिलाफ उनके ट्वीट्स को लेकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है, जिसमें कथित तौर पर दिल्ली में स्थित एक श्मशान घाट में बलात्कार के बाद मार दी गई 9 वर्षीय दलित लड़की की पहचान उजागर की गई थी। उन्होंने कथित तौर पर मृतक लड़की और उसके माता-पिता की तस्वीरें भी ट्वीट की थीं।

याचिका में कहा गया है कि पीड़िता की पहचान उजागर करना किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम) का उल्लंघन है, जो जेजे अधिनियम की धारा 74 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 23 (2) के अनुसार है, जो बच्चों या उनके परिवार के सदस्यों की पहचान के प्रकटीकरण पर रोक लगाता है।

पृष्ठभूमि

9 वर्षीय बच्ची दिल्ली के एक श्मशान घाट में लगे कूलर से पानी लेने गई थी। पुजारी ने इन लोगों के साथ मिलकर 9 वर्षीय पीड़िता के साथ क्रूरता की। राहुल गांधी ने पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की, जिसके बाद उनके आधिकारिक अकाउंट से उनके साथ सहानुभूति जताते हुए तस्वीरें ट्वीट की गईं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 4 अगस्त को मामले का संज्ञान लिया और गांधी को ट्वीट हटाने का निर्देश दिया। इसके बाद ट्विटर ने कांग्रेस नेता का अकाउंट सस्पेंड कर दिया।

हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में तर्क दिया गया कि गांधी ने अपनी राजनीतिक छवि को चमकाने के लिए दुर्भाग्यपूर्ण घटना का फायदा उठाने की कोशिश की। याचिकाकर्ता ने दिल्ली पुलिस को गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी करने की मांग की। याचिका में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को उचित निर्देश जारी करने की मांग की गई ताकि गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार मिल सके।


लेखक: पपीहा घोषाल