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महाराष्ट्र राज्य में हाल ही में हुए राजनीतिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका

मामला: जया ठाकुर बनाम भारत संघ
मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता जया ठाकू ने एक याचिका दायर कर विधानसभा से इस्तीफा देने वाले या अयोग्य ठहराए गए विधायकों को पांच साल तक चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने के लिए लंबित मामले में निर्देश देने की मांग की है। ठाकुर ने 2021 की पहले से लंबित याचिका में अपनी याचिका दायर की, जिसमें शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
ठाकुर ने कहा कि देश भर में राजनीतिक दलों द्वारा दसवीं अनुसूची के प्रावधानों को दरकिनार कर सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करना एक हालिया चलन है, जिसके कारण सरकार गिर जाती है। इस्तीफा देने वाले विधायकों को नई सरकार द्वारा मंत्री पद दिया जाता है और उन्हें फिर से उपचुनावों में भाग लेने के लिए टिकट दिए जाते हैं।
याचिकाकर्ता ने अपनी मौजूदा अर्जी में कहा है कि तत्कालीन पीठ ने सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। इसलिए, राजनीतिक दल इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं और विभिन्न राज्यों में निर्वाचित सरकारों को नष्ट करना जारी रख रहे हैं।
याचिका में आगे कहा गया कि एक बार जब कोई सदस्य दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य हो जाता है, तो उसे उस अवधि के दौरान फिर से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जिसके लिए वह चुना गया था। इस तरह के अलोकतांत्रिक दृष्टिकोण हमारे लोकतंत्र का मज़ाक उड़ा रहे हैं।
याचिका में विधायकों को पांच साल तक चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की गई थी।