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सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी के विनियमन निकाय के लिए नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी के विनियमन निकाय को नोटिस जारी किया
20 अक्टूबर 2020
सुप्रीम कोर्ट ने नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम जैसे ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिए एक स्वायत्त निकाय बनाने की याचिका पर केंद्र सरकार और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएमएआई) को नोटिस जारी किया।
सर्वोच्च न्यायालय की माननीय पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को भारत में विभिन्न ओटीटी प्लेटफार्मों पर सामग्री की निगरानी और फ़िल्टर करने और वीडियो को विनियमित करने के लिए एक स्वायत्त निकाय या बोर्ड गठित करने के निर्देश देने की मांग की।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दलील दी कि हालांकि 15 ओटीटी प्लेटफॉर्म ने स्व-नियामक संहिता पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन यह उसी प्रारूप में नहीं है जैसा कि केंद्र सरकार ने सुझाया है। याचिकाकर्ता ने आगे दलील दी कि स्व-नियामक तंत्र ओटीटी के लिए काम नहीं कर सकता। इन प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई सामग्री की समीक्षा करने के लिए एक निकाय की आवश्यकता है।
याचिकाकर्ता ने आगे तर्क दिया कि डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म ने फिल्म निर्माताओं को सेंसर बोर्ड से अपनी सामग्री के लिए मंजूरी प्रमाण पत्र प्राप्त करने की चिंता किए बिना अपनी सामग्री जारी करने का एक रास्ता दे दिया है