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अनुशासनहीनता का हवाला देकर छात्र के लिए स्कूल का दरवाज़ा बंद न करें - मद्रास हाईकोर्ट
1 अप्रैल 2021
मद्रास उच्च न्यायालय हाल ही में एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसके बेटे को अतीत में अनुशासनहीनता के कारण तंजावुर स्थित एक स्कूल में 11वीं कक्षा में प्रवेश देने से मना कर दिया गया था।
न्यायालय ने कहा कि स्कूल को अनुशासनहीनता का हवाला देकर छात्रों को नहीं भगाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की स्कूल की जिम्मेदारी की अनदेखी होगी। स्कूलों को अनुशासनहीन छात्रों को तुरंत दूर भेजने के बजाय इस जिम्मेदारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
शिकायतकर्ता की ओर से पेश हुए वकीलों ने तर्क दिया कि बेटे के खिलाफ़ दुर्व्यवहार का कोई विशेष आरोप नहीं लगाया गया है। इसलिए स्कूल के पास उसे स्कूली शिक्षा के ऐसे महत्वपूर्ण चरण में स्कूल से बाहर भेजने का कोई आधार नहीं है। याचिकाकर्ता ने अपने बेटे के भविष्य के अच्छे व्यवहार का हलफनामा भी पेश किया।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता के हलफनामे को स्वीकार करते हुए याचिका मंजूर कर ली। इसके अलावा, उन्होंने स्कूल को याचिकाकर्ता के हलफनामे पर विचार करने के बाद एक सप्ताह के भीतर बेटे को दाखिला देने का निर्देश दिया।
लेखक: पपीहा घोषाल