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मद्रास उच्च न्यायालय ने मंदिरों को फिर से खोलने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी
मद्रास उच्च न्यायालय की पीठ ने मद्रास में मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि जीवन का अधिकार धर्म का पालन करने के अधिकार से पहले आता है। कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के कारण याचिका पर रोक लगा दी गई थी।
याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने फैसला सुनाया, "धर्म का पालन करने का अधिकार निश्चित रूप से जीवन के अधिकार के अधीन है, और जब जीवन के अधिकार को खतरा होता है, तो धर्म का पालन करने का अधिकार पीछे चला जाता है।"
कोर्ट ने आगे कहा कि कोर्ट का हस्तक्षेप तभी हो सकता है जब राज्य की कार्रवाई पूरी तरह से मनमानी हो। मंदिरों को बंद करने का फैसला विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए और विशेषज्ञों की सलाह लेने के बाद लिया गया था।
याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने आगे कहा, '' ऐसा मामला राज्य पर छोड़ दिया जाएगा कि वह प्रतिबंध लगाने या उनमें ढील देने से पहले प्रासंगिक डेटा और विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करे। ऐसा नहीं लगता कि राज्य की ओर से कोई मनमानी कार्रवाई की गई है, जिसके कारण अदालत को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़े। सामान्य स्थिति में लौटने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे। सब कुछ खोल देने और बेखबर रहने से बेहतर है कि सावधानी बरती जाए, जैसा कि देश में दूसरी लहर आने पर हुआ था।''
अदालत ने इससे पहले भी इसी तरह की टिप्पणी की थी जब अदालतों को पुनः खोलने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी।
लेखक: पपीहा घोषाल