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सावुक्कु शंकर ने मदुरै पीठ से कहा कि वह न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अपने बयान पर कायम हैं
मामला: रजिस्ट्रार न्यायिक बनाम शंकर
पीठ: न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन और न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी
यूट्यूबर सावुक्कु शंकर ने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ को बताया कि वह न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अपने बयानों पर "अडिग" हैं। न्यायपालिका के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ शुरू किए गए न्यायालय की अवमानना मामले में उन्होंने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया।
शंकर ने यूट्यूब चैनल 'रेडपिक्स' पर सार्वजनिक बयान देते हुए दावा किया कि पूरी न्यायपालिका भ्रष्ट है। उन्होंने 22 जुलाई को यह बयान दिया था जिसके बाद मदुरै बेंच ने उनके खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी।
4 अगस्त को हाईकोर्ट ने शंकर को नोटिस भेजकर पूछा कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। वर्तमान में शंकर जस्टिस स्वामीनाथन पर व्यक्तिगत रूप से हमला करने के लिए अलग से अवमानना की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं।
19 जुलाई 2022 को खुली अदालत में सुनवाई के दौरान पारित आदेश में न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह की आलोचना को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, लेकिन शंकर के पिछले ट्वीट ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी थी। तीखी आलोचना करना जायज़ है, लेकिन बदनामी करने वाली निंदा करना जायज़ नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले महीने मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने शंकर को राज्य के मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ बयान देने से रोक दिया था। मंत्री ने शंकर द्वारा साक्षात्कारों में उनके खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक बयान दिए जाने के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
पीठ ने शंकर को अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय देते हुए मामले की सुनवाई 8 सितंबर, 2022 तक स्थगित कर दी।