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भरण-पोषण के दौरान पति से वेतन पर्ची मांगना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन नहीं - मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मामला: राशि गुप्ता बनाम गौरव गुप्ता
अदालत: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (" एचसी ")
हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भरण-पोषण की कार्यवाही के दौरान पति से उसकी सैलरी स्लिप दिखाने के लिए कहना अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है। इस मामले में किसी व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता को अनुच्छेद 21 के तहत वंचित नहीं किया जाता है। विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।
इस मामले में पति (प्रतिवादी) से उसके वेतन ढांचे के समर्थन में दस्तावेज दाखिल करने को कहा गया, जिससे उसने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह अनुच्छेद 21 के तहत दी गई सुरक्षा के खिलाफ होगा। उसने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 20 के तहत कोई भी व्यक्ति अपने वेतन ढांचे के समर्थन में दस्तावेज दाखिल नहीं कर सकता। किसी को अपने ही विरुद्ध साक्ष्य देने के लिए बाध्य किया जा सकता है।
न्यायालय ने प्रतिवादी की इस दलील को खारिज कर दिया कि अनुच्छेद 20 प्रतिवादी पर लागू नहीं होगा क्योंकि वह आरोपी नहीं है। इसलिए पति से उसकी सैलरी स्लिप मांगना उसकी निजता का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।