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बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना के एक सदस्य को बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता आयोजित करने की अनुमति देते हुए कहा कि यह चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।

मामला: विजय जगन्नाथ साल्वी बनाम कल्याण डोंबिवली नगर निगम
बेंच: जस्टिस सुनील शुक्रे और एमडब्ल्यू चंदवानी
बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के एक सदस्य को बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता आयोजित करने की अनुमति दी, जिसमें कहा गया कि यह चुनाव आयोग द्वारा लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करता है। कोर्ट ने बॉडी बिल्डिंग को धर्मनिरपेक्ष गतिविधि माना और इसे प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। राजनीतिक दलों, जातियों या समुदायों के बीच तनाव पैदा करना या मतभेदों को बढ़ाना।
पीठ शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के सदस्य विजय साल्वी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें मॉडल की मौजूदगी के कारण बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता के लिए पहले दी गई अनुमति रद्द कर दी गई थी। केडीएमसी ने तर्क दिया कि इस प्रतियोगिता से शिवसेना पार्टी के दो गुटों के बीच मतभेद पैदा हो सकते हैं या बढ़ सकते हैं, जो संघर्ष में हैं, जो आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण खंड का उल्लंघन है।
न्यायालय ने फैसला सुनाया कि आदर्श आचार संहिता बॉडीबिल्डिंग जैसे खेल पर प्रभाव नहीं डालती है और केडीएमसी अधिकारी शिवसेना के गुटों के बीच मतभेदों के लिए स्पष्ट स्पष्टीकरण देने में विफल रहे।
अदालत ने पाया कि केडीएमसी ने साल्वी को अपना बचाव करने का मौका दिए बिना ही अनुमति रद्द कर दी थी, और इस तरह केडीएमसी के फैसले को खारिज कर दिया। न्यायाधीशों ने इस बात पर जोर दिया कि बॉडीबिल्डिंग ऐसा आयोजन नहीं है जो लोगों की भावनाओं या भावनाओं को भड़काए।
- Bombay HC allowed a member of the Shiv Sena to hold a bodybuilding competition, stating that it does not violate the Election Commission's model code of conduct
- निवडणूक आयोगाच्या आदर्श आचारसंहितेचे उल्लंघन होत नाही, असे नमूद करत मुंबई उच्च न्यायालयाने शिवसेनेच्या सदस्याला शरीरसौष्ठव स्पर्धा घेण्यास परवानगी दिली.