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केरल की एक अदालत ने आदिवासी व्यक्ति की हत्या के मामले में शामिल 13 लोगों को 7 साल कैद की सजा सुनाई

2018 में मधु नामक आदिवासी व्यक्ति की हत्या और हत्या में शामिल तेरह लोगों को केरल की एक अदालत ने 7 साल कैद की सजा सुनाई है। कल, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट) के तहत मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया गया, जिसने मामले में आरोपी सोलह लोगों में से चौदह को दोषी ठहराया। पहले आरोपी को 7 साल सश्रम कारावास की सजा मिली, जबकि बारह अन्य दोषियों को 7-7 साल जेल की सजा दी गई। सोलहवें आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 352 के तहत दोषी पाया गया, जिसमें अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मानसिक रूप से विकलांग आदिवासी युवक मधु को पलक्कड़ के अट्टापडी में आरोपियों ने बांधकर बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। कथित तौर पर आरोपियों ने मधु को पास के जंगल से पकड़ा था और उस पर किराने की दुकान से चावल चुराने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उस पर हिंसक हमला किया गया।
आज विशेष न्यायालय ने आरोपी को आईपीसी और एससी/एसटी (पीओए) अधिनियम के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने कई शर्तों के अधीन आरोपी को जमानत दी थी। हालांकि, बाद में विशेष न्यायालय ने जमानत रद्द कर दी, क्योंकि यह पता चला कि आरोपी के प्रभाव में कई गवाह मुकर गए थे। इसके बाद उच्च न्यायालय ने 2022 में जमानत रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा।