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माता-पिता अपने बच्चों के जीवन में मेहमान नहीं हो सकते- न्यायमूर्ति टी. अमरनाथ गौड़

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माता-पिता अपने बच्चों के जीवन में मेहमान नहीं हो सकते- न्यायमूर्ति टी. अमरनाथ गौड़

21 दिसंबर

तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति टी. अमरनाथ गौड़ की पीठ ने पारिवारिक न्यायालय द्वारा पारित हिरासत आदेश के उल्लंघन के खिलाफ दायर अवमानना मामले में कहा कि "माता-पिता अपने बच्चे के जीवन में मेहमान नहीं हो सकते। यदि मुलाकात का अधिकार केवल सीमित घंटों के लिए दिया जाता है, तो यह बच्चे के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है।"

न्यायालय ने आगे कहा कि जहाँ भी संभव हो, ''रात भर की हिरासत'' को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा, "माता-पिता अपने बच्चे के जीवन में मेहमान नहीं हो सकते। यदि मुलाकात के अधिकार केवल सीमित घंटों के लिए दिए जाते हैं, तो यह बच्चे के लिए पिता या माता, जो भी मामला हो, के साथ सहज समय बिताने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। अंतराल जितना अधिक होगा, बंधन उतनी ही जल्दी टूटेंगे, और बच्चा भ्रमित हो जाएगा और इस पर विश्वास करने लगेगा।"