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क्या हम इस शिक्षा प्रणाली का मज़ाक बना रहे हैं? - बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने दसवीं कक्षा के लिए माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा रद्द करने के लिए महाराष्ट्र सरकार पर कड़ी टिप्पणी की। बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

राज्य की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि वे राज्य शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) का इंतजार कर रहे हैं, जिसका अंकन प्रणाली पर पूरा नियंत्रण है। एक बार जब सरकार को एससीईआरटी से सुझाव मिल जाएंगे, तो दाखिले के लिए एक फॉर्मूला बनाया जाएगा। इस पर बेंच ने स्पष्ट किया कि यहां सवाल यह है कि परीक्षा कब आयोजित की जाएगी। राज्य के वकील श्री काकड़े ने कहा कि 10वीं कक्षा के छात्रों को 11वीं कक्षा में प्रमोट करने के लिए एक फॉर्मूले की जरूरत है, जिसे लागू किया जा सके।   एससीईआरटी के सुझाव के बाद ही प्राप्त किया जाएगा।

बेंच ने पूछा कि क्या वे बिना परीक्षा आयोजित किए छात्रों को प्रमोट करने की योजना बना रहे हैं। क्या हम इस शिक्षा प्रणाली का मज़ाक उड़ा रहे हैं? जस्टिस खथावाला ने आगे टिप्पणी की, "तो फिर भगवान ही इस देश की शिक्षा प्रणाली को बचाए"।

आप अभी भी 12वीं की परीक्षा कैसे आयोजित कर रहे हैं? महामारी के नाम पर आप हमारे बच्चों का करियर खराब नहीं कर सकते। आप सिस्टम को नष्ट कर रहे हैं। शिक्षा नीति निर्माताओं को पता होना चाहिए कि यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।

इस मामले की अंतिम सुनवाई अगले सप्ताह होगी


लेखक: पपीहा घोषाल