Talk to a lawyer @499

समाचार

यूपी बार काउंसिल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदियों को रिहा करने के लिए पत्र लिखा है

Feature Image for the blog - यूपी बार काउंसिल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदियों को रिहा करने के लिए पत्र लिखा है

24 अप्रैल 2021

बार काउंसिल ऑफ यूपी के सदस्यों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर विचाराधीन कैदियों या ऐसे अपराधों के दोषियों के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत की मांग की है जिनकी निर्धारित सजा 7 वर्ष या उससे कम है।

कोविड 19 की दूसरी लहर ने कहर बरपाया है, जो पहले से ज़्यादा ख़तरनाक साबित हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी की जेलों में भीड़भाड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन होने की वजह से संक्रमण दोगुना हो गया है। कैदियों की भीड़ कम करने का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है।

इससे पहले कोविड-19 की पहली लहर के दौरान जेल में भीड़ कम करने के लिए ऐसे कैदियों को रिहा करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई थी। जिससे वायरस की चेन टूट गई और हजारों लोगों की जान बच गई।

बार काउंसिल ने आगे कहा कि जेलों में बंद कैदियों को अपूरणीय क्षति हो रही है, एक तो वायरस के फैलने के कारण और दूसरा त्वरित न्याय न मिलने के कारण। इसलिए न्याय के आलोक में उचित आदेश पारित करने की प्रार्थना की जाती है।

लेखक: पपीहा घोषाल

पीसी - मेरामाल विकी