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बॉम्बे हाईकोर्ट ने POCSO के तहत पीड़िता की मां का नाम उजागर करने पर वकील पर जुर्माना लगाया

मामला: सूरज सदाशिव शेट्टी बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य
बेंच: जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज के चव्हाण
बॉम्बे हाई कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत एक याचिका में बाल यौन शोषण पीड़िता की माँ का नाम उल्लेख करने पर एक वकील पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया। अदालत ने कहा कि POCSO अधिनियम के तहत अनिवार्यता के बावजूद वकील ने पूरी याचिका में पीड़िता की मां का नाम लिखा था और तस्वीरें, चैट और ईमेल भी संलग्न किए थे।
अदालत ने वकील को एक सप्ताह के भीतर कीर्तिकर लॉ लाइब्रेरी में जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया और निर्देश दिया कि याचिका में संशोधन करके पीड़िता की मां का नाम छिपा दिया जाए और इसे कारण शीर्षक में एक वर्णमाला से बदल दिया जाए और जहां भी यह याचिका में आता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पीड़िता की पहचान पोक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के अनुसार सुरक्षित रहे।
इसी पीठ ने पहले पुणे स्थित एक कानूनी फर्म पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के बावजूद एक याचिका में बलात्कार पीड़िता का नाम उजागर करने के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, जो बलात्कार पीड़िता की पहचान का खुलासा करने पर रोक लगाता है।