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बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मां द्वारा अपनी बेटी के खिलाफ पति से गुस्से में शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया
22 अप्रैल 2021
बॉम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 (“डीवी एक्ट)” के प्रावधानों के तहत एक मां द्वारा अपनी बेटी के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। बेटी अपनी मां द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग कर रही थी, उसका दावा था कि वह अपनी मां और पिता के बीच वैवाहिक कलह के कारण अपनी मां के गुस्से का सामना कर रही है। उसे अनावश्यक रूप से उक्त कार्यवाही में घसीटा गया है और इससे विदेश में पढ़ाई की उसकी संभावनाओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। उसकी मां ने वर्ष 2018 में कार्यवाही शुरू की थी जब याचिकाकर्ता अपने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थी।
याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वकील ने दलील दी कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कार्यवाही पति के खिलाफ शुरू की गई थी और केवल इसलिए कि याचिकाकर्ता अपने पिता के साथ रहती रही, उसकी मां भी उक्त कार्यवाही में पक्षकार के रूप में बेटी के साथ शामिल हो गई।
न्यायालय ने माना कि प्रतिवादी द्वारा याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप उसके पति के साथ वैवाहिक कलह से उत्पन्न हुए हैं। दंपति के बीच वैवाहिक संबंधों में कड़वाहट याचिकाकर्ता पर भी हावी हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता के खिलाफ कथित हमले के बारे में अतिरंजित बयान और एक ही आरोप लगाया गया है।
लेखक: पपीहा घोषाल
पीसी - राजरस