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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने का आदेश दिया
हाल ही में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने का आदेश दिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायालय ने कहा कि सभी आरोप महिलाओं के खिलाफ अपराध या किसी व्यक्ति की हत्या, जैसे बलात्कार या बलात्कार के प्रयास से संबंधित हैं। राज्य सरकार को जांच के लिए मामले सीबीआई को सौंपने चाहिए।
न्यायालय ने आगे आदेश दिया कि एसआईटी अन्य मामलों की भी जांच करेगी। जांच दल में पश्चिम बंगाल कैडर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस कार्य की देखरेख करेंगे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की पांच सदस्यीय पीठ ने एनएचआरसी के खिलाफ राज्य के आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी जांच पक्षपातपूर्ण थी। अदालत ने पहले एनएचआरसी की सात सदस्यीय समिति को चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन की जांच करने का आदेश दिया था। इसी को देखते हुए एनएचआरसी ने एक तथ्य-खोज रिपोर्ट पेश की।
न्यायालय ने अंततः एसआईटी और सीबीआई को 6 सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
लेखक: पपीहा घोषाल