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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्कूल नौकरी घोटाले में अभिषेक बनर्जी को समन जारी करने से पहले 48 घंटे का नोटिस देने का आदेश दिया
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी को अस्थायी राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आदेश दिया है कि स्कूल में नौकरी के लिए नकद घोटाले के सिलसिले में उन्हें बुलाने से पहले 48 घंटे पहले सूचना दी जाए। अदालत ने ईडी को निर्देश दिया कि वह सामग्री की जांच करे और बनर्जी को तभी समन जारी करे जब उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक समझी जाए।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने शिक्षा भर्ती घोटाले में संदिग्ध नकद लेन-देन की गंभीरता को उजागर करते हुए निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जांच के दौरान प्रतिकूल टिप्पणियां करने के खिलाफ भी चेतावनी दी, जिससे इसमें शामिल लोगों के प्रति पूर्वाग्रह पैदा हो सकता है।
अदालत का यह फैसला बनर्जी द्वारा दायर याचिका के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने मामले की निगरानी कर रही न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा द्वारा दिए गए आदेशों और मौखिक टिप्पणियों को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति सिन्हा ने ईडी की जांच से असंतुष्टि जाहिर की थी और बनर्जी की संपत्तियों के बारे में अपर्याप्त जानकारी के कारण विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख को हटा दिया था।
खंडपीठ ने कहा कि व्यवस्था में भरोसा बहाल करने और गलत काम करने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए निष्पक्ष जांच बहुत जरूरी है। इसने जांच के नतीजे जानने के लिए बनर्जी के अधिकार और समय पर निष्कर्ष के महत्व पर भी जोर दिया।
इस मामले में याचिकाकर्ता और प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और विकास रंजन भट्टाचार्य सहित अन्य ने प्रतिनिधित्व किया।
इस फैसले का उद्देश्य गहन जांच की आवश्यकता और प्रक्रिया के दौरान व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना है।
लेखक: अनुष्का तरानिया
समाचार लेखक, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी