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डोमिनोज़ ने अपने शीर्ष अधिकारियों के फ़ोन नंबर ट्वीट करने वाले छात्र के विरुद्ध निषेधाज्ञा का मामला वापस ले लिया

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हाल ही में डोमिनोज़ ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर अपना मुकदमा वापस ले लिया, जिसमें एक छात्र के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग की गई थी, जिसने मांसाहारी पिज़्ज़ा गलत तरीके से प्राप्त करने के बाद चेन के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क नंबर ट्वीट कर दिए थे। इसे देखते हुए, न्यायमूर्ति अनूप भंभानी ने ट्विटर को संबंधित ट्वीट (यदि आवश्यक हो) हटाने और छात्र के खाते को बहाल करने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट डोमिनोज़ द्वारा मुंबई के छात्र प्रतीक विनीत के खिलाफ दायर निषेधाज्ञा मुकदमे की सुनवाई कर रहा था। जुलाई 2021 में विनीत ने तीन शाकाहारी पिज्जा ऑर्डर किए, तीन पिज्जा में से विनीत को एक मांसाहारी पिज्जा डिलीवर किया गया। उन्होंने ट्विटर प्लेटफॉर्म पर जाकर अपनी शिकायत ट्वीट की और फिर आउटलेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), मुख्य विपणन अधिकारी (सीएमओ) और मुख्य व्यवसाय अधिकारी (सीबीओ) के संपर्क नंबर पोस्ट किए।

इसी के मद्देनजर, डोमिनोज़ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, 16 मार्च को विनीत ने एक हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया कि वह ट्वीट हटाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे अपने कार्यों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने अच्छे इरादे से अधिकारी का नंबर ट्वीट किया था ताकि अन्य ग्राहक उनसे संपर्क कर सकें।

11 अप्रैल को कंपनी के उच्च अधिकारियों ने विनीत को मुआवज़ा देने और फिर मुकदमा वापस लेने पर विचार किया। तदनुसार, 12 अप्रैल को, न्यायालय ने दर्ज किया कि कंपनी ने विनीत को मुआवज़ा राशि का भुगतान कर दिया है और मुकदमा वापस लेने की मांग की।

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