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एफडीए को पुणे शहर में नकली हैंड सैनिटाइज़र मिले जो गुणवत्ता मानकों से मेल नहीं खाते

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कोविड-19 के चलते एक चीज़ जो हर घर में पहुँच गई है, वो है - "सैनिटाइज़र"। मार्च 2020 से सैनिटाइज़र की बिक्री में काफ़ी वृद्धि हुई है, जिसके कारण इसकी कालाबाज़ारी भी बढ़ गई है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने हाल ही में मिलावटी सैनिटाइजर बेचने के संदेह में खराडी क्षेत्र की कई दुकानों और फार्मेसियों में छापेमारी की। उन्हें कई नकली हैंड सैनिटाइजर मिले जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों से मेल नहीं खाते।

एफडीए के सहायक आयुक्त दिनेश खींवसरा ने अपनी टीम के साथ चंदन नगर में आत्मा एजेंसी के परिसर में छापा मारा था और पाया था कि एजेंसी के मालिक प्रकाश आत्माराम गुरबानी नकली सैनिटाइजर बनाने और बेचने में शामिल हैं। इन सैनिटाइजर को अन्य ब्रांडेड कंपनियों के नाम और उनके लेबल के तहत बेचा जा रहा था। आरोप है कि यह गतिविधि पिछले पांच महीनों से चंदन नगर, खराडी, वडगांव शेरी, हडपसर, वाघोली, येरवडा विमान नगर आदि इलाकों में चल रही थी।

कमिश्नर ने बताया कि करीब 17,000 रुपये की कीमत वाले स्टीकर लेबल वाले 1000 से ज़्यादा सैनिटाइज़र जब्त किए गए हैं और उन्हें जांच के लिए लैब में भेजा गया है। मुख्य आरोपी गुरनानी और अन्य सभी लोगों के खिलाफ चंदन नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 276 (किसी दवा को दूसरी दवा या तैयारी के तौर पर बेचना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की कई संबंधित धाराएं भी लगाई गई हैं।


लेखक: पपीहा घोषाल