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यह शर्म की बात है कि सरकार को दूसरी लहर की भयावहता का पता था, उसने पहले से कभी योजना नहीं बनाई - इलाहाबाद उच्च न्यायालय

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Feature Image for the blog - यह शर्म की बात है कि सरकार को दूसरी लहर की भयावहता का पता था, उसने पहले से कभी योजना नहीं बनाई - इलाहाबाद उच्च न्यायालय

19 अप्रैल 2021

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के 5 बड़े शहरों में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन का आदेश देते हुए कहा, "यह शर्म की बात है कि सरकार को दूसरी लहर की भयावहता का पता था, लेकिन उसने कभी भी पहले से योजना नहीं बनाई।"

पिछले सप्ताह पीठ ने उपाय सुझाते हुए एक विस्तृत आदेश पारित किया था और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। कल पीठ ने सरकार के जवाब पर असंतोष जताया।

कोर्ट ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के नाम पर लगाया गया नाइट कर्फ्यू महज दिखावा है। हम देख रहे हैं कि लोग मास्क लगाने के हमारे आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं और पुलिस अभी तक 100% पालन सुनिश्चित नहीं कर पाई है। बेंच ने राज्य चुनाव आयोग पर भी असंतोष जताया।

जैसा कि देखा गया है, कोविड-19 के हालिया प्रकोप के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है। अगर मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को कुछ राहत देने के लिए काम नहीं किया गया, तो पूरी व्यवस्था चरमरा जाएगी और राहत केवल वीआईपी वीवीआईपी तक ही सीमित रह जाएगी। सरकारी अस्पतालों से जो परिदृश्य सामने आ रहा है, उससे पता चलता है कि आईसीयू में मरीजों को भर्ती करने का काम बड़े पैमाने पर वीआईपी की सिफारिश पर किया जा रहा है। यहां तक कि रेमडेसिविर नामक एंटीवायरल दवा की आपूर्ति भी केवल वीआईपी की सिफारिश पर ही की जा रही है। वीआईपी और वीवीआईपी को उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 12 घंटे के भीतर मिल रही है। इसके विपरीत, आम नागरिक को ऐसी रिपोर्ट के लिए दो से तीन दिन तक इंतजार करना पड़ता है, जिससे उसके परिवार के अन्य सदस्यों में संक्रमण फैल जाता है

लेखक: पपीहा घोषाल

पीसी- इंडियन एक्सप्रेस