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न्यायाधीश चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में दहेज हत्याओं पर अंकुश लगाने के लिए दम्पतियों और परिवारों के लिए परामर्श केन्द्र स्थापित किए जाएं

न्यायाधीश चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में दहेज हत्याओं पर अंकुश लगाने के लिए दम्पतियों और परिवारों के लिए परामर्श केन्द्र स्थापित किए जाएं
17 नवंबर 2020
जम्मू में अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने दहेज से संबंधित अपराधों में वृद्धि को देखते हुए जोड़ों और उनके परिवारों को विवाह और संबंध परामर्श प्रदान करने के लिए जम्मू और कश्मीर के सभी जिलों में विवाह परामर्श केंद्र स्थापित करने का आह्वान किया।
आवेदक-आरोपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी/498-ए/120बी के तहत जम्मू के आरएस पुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी।
न्यायालय ने निर्देश दिया कि ऐसे परामर्श केन्द्रों में विवाह पूर्व और विवाह पश्चात परामर्श की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि दम्पति के परिवारों के बीच वैवाहिक गलतफहमियों का सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
आदेश में कहा गया है कि समाज में बढ़ते इस अपराध की गंभीरता को देखते हुए सरकार को हर जिले में विवाह परामर्श केंद्र स्थापित करने चाहिए, जहां विशेष रूप से विवाह से पहले जोड़े के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को बुलाकर सामाजिक, नैतिक और धार्मिक संहिताओं के आधार पर नए रिश्ते में एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करना है, इस बारे में मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।