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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 16 मस्जिदों से पूछा कि क्या वे ध्वनि प्रदूषण नियमों के तहत सहमति मिलने तक लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करेंगे

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कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति एन संजय गौड़ा की पीठ ने 16 मस्जिदों से हलफनामा मांगा है कि क्या वे ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 के अनुसार लिखित अनुमति प्राप्त होने तक लाउडस्पीकर का उपयोग बंद कर देंगे।

कर्नाटक उच्च न्यायालय की पीठ बेंगलुरु में स्थित आइकॉन अपार्टमेंट के 32 निवासियों द्वारा धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के अवैध उपयोग के बारे में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मस्जिद के प्रबंधन ने कहा कि उन्होंने लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए पहले ही आवश्यक सहमति या अनुमति ले ली है। पीठ ने कहा कि प्रबंधन एक हलफनामा प्रस्तुत करेगा कि क्या वे ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए सरकार द्वारा दिए गए निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

हलफनामे में यह बताना होगा कि क्या मस्जिदों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार लाइसेंस प्राप्त किया है। इसमें यह भी उल्लेख होना चाहिए कि अगर मस्जिदों को लाइसेंस नहीं मिला तो क्या मस्जिदें लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद कर देंगी।

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लेखक: पपीहा घोषाल