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मुंबई की अदालत ने जावेद अख्तर की याचिका स्वीकार की और सुनवाई 23 मार्च, 2023 तक टाल दी

शनिवार को मुंबई के अंधेरी स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने गीतकार जावेद अख्तर की बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि की शिकायत पर शीघ्र सुनवाई के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। मजिस्ट्रेट आरएम शेख ने अख्तर के अनुरोध को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 19 अप्रैल, 2023 से आगे बढ़ाकर 23 मार्च तय की। अख्तर ने शिकायत की अंतिम सुनवाई 23 नवंबर, 2022 के बाद तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी।
शनिवार को जावेद अख्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता जय भारद्वाज ने अदालत में दलील दी कि अख्तर की बढ़ती उम्र के कारण सुनवाई में तेजी लाना न्याय के हित में होगा। हालांकि, कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने अनुरोध का विरोध किया और रनौत की खुद की अर्जी का हवाला देते हुए अदालत से मुकदमे से पहले उनकी बहन का गवाह बयान दर्ज करने का अनुरोध किया। सिद्दीकी ने तर्क दिया कि अगर अदालत रनौत की अर्जी को स्वीकार कर लेती है, तो उनकी बहन का बयान पहले से तय तारीख 19 अप्रैल, 2023 को हो सकता है। सिद्दीकी की आपत्तियों के बावजूद मजिस्ट्रेट ने अख्तर के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और सुनवाई 23 मार्च, 2023 तक टाल दी।
जावेद अख्तर ने 2016 में दोनों के बीच हुई मुलाकात के बारे में रिपब्लिक टीवी पर एक साक्षात्कार के दौरान कंगना रनौत द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बदले में रनौत ने अख्तर के खिलाफ एक क्रॉस-शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर आपराधिक साजिश, जबरन वसूली और उनकी निजता पर हमला करने का आरोप लगाया गया। अदालत ने अब अख्तर की शिकायत को 23 मार्च, 2023 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। मजिस्ट्रेट यह भी तय करेंगे कि अख्तर की शिकायत में गवाह के तौर पर रंगोली चंदेल का बयान दर्ज किया जाए या नहीं।