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अयोग्य कर्मियों के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी किया गया

अयोग्य कर्मियों के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी किया गया
17 दिसंबर 2020
दिल्ली उच्च न्यायालय ने क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट (केंद्र सरकार) संशोधन नियम, 2020 को अवैध, असंवैधानिक और क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट अधिनियम, 2010 के अधिकार क्षेत्र से बाहर घोषित करने के लिए निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है।
याचिका में कहा गया है कि नियम अब अपंजीकृत और अयोग्य मास्टर ऑफ साइंस या पीएचडी धारकों को, जो केवल तकनीशियन के रूप में नैदानिक प्रयोगशालाओं में काम कर रहे हैं, किसी योग्य रोगविज्ञानी के प्रतिहस्ताक्षर के बिना चिकित्सा रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने और उसे प्रमाणित करने की अनुमति देते हैं।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अधिसूचना को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, 2010 की धारा 7 के तहत निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना अत्यंत मनमाने तरीके से अंतिम रूप दिया गया है।
आगे यह तर्क दिया गया कि यह नियम न केवल पैथोलॉजिस्टों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि आम जनता को घातक परिणामों के गंभीर खतरे में भी डालता है।