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संसद का सत्र आज से शुरू: संसद के 75 साल के इतिहास और 4 विधेयकों पर चर्चा
सोमवार को संसद का नया सत्र शुरू होने वाला है और इस बात की संभावना बढ़ रही है कि सरकार पांच दिवसीय सत्र के दौरान क्या-क्या चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है। इस सत्र में संसद के 75 साल के इतिहास पर चर्चा होगी और चार विधेयकों पर विचार किया जाएगा, जिसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक भी शामिल है। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार को नए संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिससे सत्र के दौरान इस नई सुविधा में बदलाव का संकेत मिलता है।
सरकार ने सत्र शुरू होने से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी देने तथा उनके सुझाव लेने के लिए आज एक सर्वदलीय बैठक निर्धारित की है।
इस सत्र का समय असामान्य होने के बावजूद राजनीतिक हलकों में उत्सुकता पैदा कर रहा है। प्राथमिक एजेंडे में संसद की 75 साल की यात्रा पर विशेष चर्चा शामिल है, लेकिन सरकार के पास नए कानून या अन्य ऐसे विषय पेश करने का अधिकार भी है जो शुरू में एजेंडे में नहीं थे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विपक्ष की शंकाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के पास कुछ "विधायी हथगोले" हो सकते हैं जिन्हें वे उजागर करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सूचीबद्ध एजेंडे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि यह "कुछ नहीं के लिए बहुत शोरगुल" है और नवंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था।
लेखक: अनुष्का तरानिया
समाचार लेखक, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी