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ऑनर किलिंग में शामिल व्यक्ति की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
शीर्ष अदालत राजस्थान उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ऑनर किलिंग में शामिल एक व्यक्ति और अपने साले की हत्या की साजिश रचने के आरोपी को जमानत दी गई थी।
पृष्ठभूमि
केरल के अमित नायर को उनकी गर्भवती पत्नी ममता नायर के सामने गोली मार दी गई थी, जो राजस्थान की रहने वाली हैं। 2017 में ममता के माता-पिता और दो अन्य लोगों ने दंपत्ति के घर में घुसकर अमित को गोली मार दी थी। इसके बाद उन्होंने उनकी 6 महीने की बेटी को भी घसीटा।
2011 में दोनों की शादी हुई थी, लेकिन अलग-अलग जाति होने के कारण 2015 तक ममता के माता-पिता को इसकी जानकारी नहीं दी गई। 2015 में ममता ने अपने माता-पिता को बताया कि उन्होंने उसे पारिवारिक संपत्ति से बेदखल कर दिया है। उन्होंने दंपत्ति को बार-बार धमकाया और कहा कि वे इस तरह का सामाजिक कलंक बर्दाश्त नहीं करेंगे। लगातार मिल रही धमकियों के कारण दंपत्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, उसके माता-पिता द्वारा माफी मांगने के बाद शिकायत वापस ले ली गई। एक बार ममता को जबरन गर्भपात के लिए मजबूर किया गया। 17 मई 2017 को ममता पर अपने मायके जाने का दबाव बनाया गया। इनकार करने पर एक व्यक्ति ने कथित तौर पर उसके पति के चेहरे पर गोली मार दी। बाद में, अमित को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
ममता नायर ने अपने भाई को जमानत देने के राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी, जो कथित तौर पर उसके पति की हत्या में शामिल है।
फ़ैसला
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि अदालत सोमवार को इस मामले में आदेश पारित करेगी।