समाचार
वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम के तहत पूर्व-संस्था मध्यस्थता अनिवार्य है - शीर्ष न्यायालय के समक्ष याचिका
जस्टिस केएम जोसेफ और पीएस नरसिम्हा की सुप्रीम कोर्ट की बेंच पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में सवाल उठाया गया था कि क्या वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम की धारा 12ए के तहत पूर्व-संस्था मध्यस्थता अनिवार्य है या निर्देशात्मक प्रकृति की है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 9 सितम्बर के आदेश में कहा कि अधिनियम के तहत मुकदमा शुरू करने से पहले पूर्व-मध्यस्थता अनिवार्य नहीं है।
अपीलकर्ता, जो एक विनिर्माण कंपनी है, ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने इस तथ्य की अनदेखी की है कि धारा 12ए में निर्दिष्ट किया गया है कि जब कोई वाद अधिनियम के तहत किसी आवश्यक अंतरिम राहत की बात करता है, तो उसे तब तक अदालत में पेश नहीं किया जाएगा जब तक कि वादी पूर्व-संस्था मध्यस्थता उपाय को समाप्त नहीं कर देता।
दलीलों में आगे तर्क दिया गया कि पूर्व-संस्था मध्यस्थता उपाय की अनदेखी करने से, "संपूर्ण वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम पराजित हो जाएगा तथा शक्तिहीन और अप्रभावी हो जाएगा।"
लेखक: पपीहा घोषाल