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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गौरक्षकों से नागरिकों के घरों पर छापा मारने की शक्ति मांगी
4 मई 2021
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता से कहा कि वह गौ रक्षा दल द्वारा नागरिकों के घरों पर छापे मारने के अधिकार के बारे में न्यायालय को बताएं।
तथ्य
मुब्बी उर्फ मुबीन ने जिला अध्यक्ष के नेतृत्व वाले स्थानीय गौ रक्षा दल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर के अनुसार, रक्षा दल ने याचिकाकर्ता के घर पर छापा मारा और कथित तौर पर एक बैल, गाय और वध के उपकरण बरामद किए।
रक्षा दल ने हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 की धारा 3, 8 (1) और आईपीसी की धारा 511 के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। धारा 3 गौहत्या पर प्रतिबंध लगाती है और धारा 8 गौमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाती है।
हालांकि, मामले के तथ्यों से यह पता नहीं चलता कि गोहत्या हुई थी या नहीं और इसलिए अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला नहीं बनता। चूंकि गोहत्या नहीं हुई, इसलिए धारा 8 के तहत मामला नहीं बनता। अंत में, गौ रक्षा दल और उसके जिला अध्यक्ष को याचिकाकर्ता के घर पर छापा मारने का अधिकार नहीं था। वे खुद भी अतिक्रमण के अपराध के दोषी हैं।
फ़ैसला
याचिकाकर्ता को जांच में शामिल होने और उसमें सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है। विद्वान अतिरिक्त महाधिवक्ता हरियाणा को निर्देश दिया जाता है कि वे नागरिकों के घरों पर छापा मारने के लिए निगरानी रखने वालों की शक्ति पर न्यायालय को संबोधित करें। इस तरह की कार्रवाई प्रथम दृष्टया अवैध है और निजी व्यक्तियों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेने के समान है। यह कानून के शासन के विपरीत है।
लेखक: पपीहा घोषाल