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सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कुरान की 26 आयतों को हटाने की सईद वसीम रिजवी की रिट याचिका खारिज कर दी
13 अप्रैल 2021
न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने सईद वसीम रिजवी की रिट याचिका खारिज कर दी, जिसमें कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग की गई थी, जो कथित तौर पर अहिंसा का उपदेश देती हैं। पीठ ने 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन ने पूछा, "क्या आप गंभीरता से याचिका पर जोर दे रहे हैं"? यह एक बिल्कुल तुच्छ रिट याचिका है"।
याचिका में कहा गया है कि इस्लाम के मूल सिद्धांत समानता, क्षमा, सहिष्णुता और समानता हैं। लेकिन 26 आयतों की व्याख्या के कारण इस्लाम अपने मूल सिद्धांतों से दूर होता जा रहा है। आजकल इसे कट्टरवाद, उग्रवाद और आतंकवाद के रूप में पहचाना जाता है। कुछ आयतों की प्रामाणिकता पर तर्क दिया गया कि खलीफाओं ने पवित्र कुरान को संकलित करने में गलती की।
कुरान का आधा हिस्सा सकारात्मकता और आधा हिस्सा नकारात्मकता क्यों दर्शाता है? देश के कानूनों के साथ खिलवाड़ करने वाले धर्म के किसी भी आदेश को लागू नहीं किया जाना चाहिए। यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन की याचिका में आगे कहा गया है कि मुस्लिम मदरसे छोटे बच्चों को पवित्र कुरान पढ़ा रहे हैं, जिसमें 26 आयतें शामिल हैं। यह छोटे बच्चों के दिमाग में जहर घोलने जैसा है, जिससे कम उम्र में ही कट्टरपंथी मानसिकता पैदा होती है और वे दूसरे धर्मों से नफरत करने लगते हैं। इस्लाम के नाम पर अल्लाह का गलत संदेश दाखिल किया गया है।
लेखक: पपीहा घोषाल
पीसी: india.com