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दुर्भाग्य से, घरेलू हिंसा अधिनियम जैसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत पति अपनी पत्नी के खिलाफ कार्रवाई कर सके - मद्रास हाईकोर्ट

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मद्रास उच्च न्यायालय एक ऐसे मामले पर विचार कर रहा था जिसमें याचिकाकर्ता ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अपनी पत्नी द्वारा दर्ज की गई शिकायत के कारण नौकरी से निलंबित होने के बाद अपनी नौकरी पर पुनः बहाल होने की मांग की थी। न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ता ने तलाक के लिए पारिवारिक न्यायालय का रुख किया, फैसले से कुछ दिन पहले ही पत्नी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई। आरोप लगाया गया कि ऐसी शिकायत दर्ज कराने वाली महिला ने केवल पति को परेशान किया।

इसके अलावा, नोटिस देने के बावजूद पत्नी भी वर्तमान याचिका में उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने में विफल रही।

न्यायमूर्ति वैद्यनाथ ने चिंता व्यक्त की कि घरेलू हिंसा अधिनियम जैसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत पति द्वारा पत्नी के खिलाफ कार्यवाही की जा सके । माननीय न्यायालय ने याचिकाकर्ता को 15 दिनों के भीतर उसकी नौकरी पर बहाल करने का आदेश दिया। न्यायालय ने आगे कहा कि घरेलू हिंसा के सवाल पर उचित मंच को फैसला करना चाहिए। इस बीच, याचिकाकर्ता को उसके काम से दूर रखने का कोई ठोस कारण नहीं है।

लेखक: पपीहा घोषाल