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क्या न्यायाधिकरण द्वारा मृतक द्वारा हेलमेट न पहनने को लापरवाही का दोषी ठहराना न्यायोचित है?

18 अप्रैल 2021
केरल उच्च न्यायालय ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध अपील पर सुनवाई की, जिसमें न्यायाधिकरण ने सहभागी लापरवाही के सिद्धांत को लागू करके मृतक के मुआवजे को कम कर दिया था।
न्यायाधिकरण के निष्कर्ष
न्यायाधिकरण ने पाया कि चूंकि मृतक ने सिर पर सुरक्षात्मक टोपी नहीं पहनी थी, इसलिए लापरवाही को दोषी मानते हुए मुआवजे में 20% की कटौती की जानी चाहिए।
फ़ैसला
न्यायालय ने पाया कि धारा 129 सुरक्षात्मक हेडगियर पहनने से संबंधित है। सिर्फ इसलिए कि दुर्घटना में पीड़ित द्वारा मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129 का उल्लंघन किया गया है, इसका यह मतलब नहीं है कि हेलमेट न पहनने वाले व्यक्ति की ओर से लापरवाही हुई है। इसका फैसला प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर किया जाना है।
परिणामस्वरूप, विवादित निर्णय को संशोधित किया जाता है।
लेखक: पपीहा घोषाल
पीसी - स्थानीय प्रेस कंपनी.