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आरोपी की पत्नी को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में शामिल किया जाएगा

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आरोपी की पत्नी को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में शामिल किया जाएगा

2 दिसंबर 2020

सुप्रीम कोर्ट ने केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका से संबंधित मामले को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया, जिसमें उनके दिल्ली इकाई के सचिव सिद्दीक कप्पन की रिहाई की मांग की गई थी। आरोपी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था जब वह हाथरस गैंगरेप की घटना को कवर करने जा रहा था। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को याचिका में कप्पन की पत्नी और बेटी को पक्षकार बनाने के लिए एक सप्ताह का समय देते हुए मामले को स्थगित कर दिया।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि कप्पन की हिरासत अवैध थी और संविधान के अनुच्छेद 14,19 और 21 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन था और डीके बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और विभिन्न अन्य निर्णयों में माननीय न्यायालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन था।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि कप्पन को पत्रकार के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के लिए गिरफ्तारी की गई थी।