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ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य क्लीनिकों में केवल पंजीकृत चिकित्सकों को ही काम करने की अनुमति - मद्रास उच्च न्यायालय

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हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय ने एक निर्णय दिया कि केवल पंजीकृत चिकित्सक ही ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य क्लीनिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित कर सकते हैं, जिन्हें भारतीय चिकित्सा परिषद या केंद्र सरकार के आयुष विभाग से संस्तुति प्राप्त हुई हो। इसका मतलब यह है कि केवल वही डॉक्टर चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए अधिकृत है जिसे एमसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त है। न्यायालय ने के गणेशन की याचिका को खारिज कर दिया, जो ग्रामीण तमिलनाडु में अपना प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र चलाने की अनुमति मांग रहे थे।

गणेशन ने कहा कि वह और उनके सहयोगी पोलाची जिले में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य क्लिनिक चला रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी भी पंजीकृत, चिकित्सा पेशेवर या डॉक्टर होने का दावा नहीं किया। वे केवल अपने डिप्लोमा प्रमाणपत्रों के आधार पर "सामुदायिक चिकित्सा सेवाएं" प्रदान करते हैं। हालांकि, गणेशन ने दावा किया कि उन्हें राज्य के अधिकारियों से लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने तर्क दिया कि जब तक एमसीआई या आयुष विभाग याचिकाकर्ताओं की योग्यता को मंजूरी नहीं देता, तब तक वे चिकित्सा का अभ्यास नहीं कर सकते या क्लिनिक नहीं चला सकते।

न्यायालय ने सहमति जताते हुए स्पष्ट किया कि "पंजीकृत चिकित्सक" से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसने "सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सा योग्यता" प्राप्त की है। परिणामस्वरूप, एमसीआई या आयुष विभाग की किसी भी संस्तुति के बिना, याचिकाकर्ता तमिलनाडु के किसी भी हिस्से में क्लिनिक संचालित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।