एक निजी कंपनी को सार्वजनिक कंपनी में परिवर्तित करने की कानूनी प्रक्रिया

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अधिमूल्य

₹19500 + Govt. Fee

₹20500

रेस्ट द केस आपको कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत अपनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पब्लिक कंपनी में बदलने में मदद करने के लिए पूर्ण कानूनी सहायता प्रदान करता है। चाहे आप व्यापक निवेशक आधार तक पहुंच चाहते हों, शेयरों को सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध करना चाहते हों, या अपने परिचालन को बढ़ाना चाहते हों, हम आपके परिवर्तन को सहज और कानूनी रूप से सही बनाने के लिए दस्तावेज़ीकरण, बोर्ड अनुमोदन, एमसीए फाइलिंग और अनुपालन का प्रबंधन करते हैं।


आपको क्या मिलेगा

पात्रता और अनुपालन जांच

मसौदा बोर्ड और शेयरधारक संकल्प

MoA और AoA में परिवर्तन

ईजीएम (असाधारण आम बैठक) का आयोजन

एमसीए के साथ एमजीटी-14 और आईएनसी-27 दाखिल करना

आरओसी अनुमोदन सहायता

रूपांतरण के बाद अनुपालन संबंधी सलाह

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अनुभवी कानूनी टीम:

कंपनी अधिनियम अनुपालन में विशेषज्ञ।

पूर्ण दस्तावेज:

प्रारूपण, प्रस्ताव और फाइलिंग को कवर किया गया।

त्वरित आरओसी फाइलिंग:

दंड से बचने के लिए समय पर प्रस्तुतियाँ।

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धर्मांतरण के बाद सहायता:

लिस्टिंग और विनियामक अनुपालन पर मार्गदर्शन।

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मैंने पहले ही अपने कानूनी मामले के लिए रेस्ट द केस का रुख किया था और उनकी सेवा मुझे बहुत पसंद आई। मैंने अपने एक सहकर्मी को भी सलाह दी।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न—निजी से सार्वजनिक कंपनी रूपांतरण

आपके रूपांतरण प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1. एक निजी कंपनी को सार्वजनिक कंपनी क्यों बनना चाहिए?

एक सार्वजनिक कंपनी जनता से पूंजी जुटा सकती है, बेहतर विश्वसनीयता प्राप्त कर सकती है, तथा अधिक कुशलता से अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकती है।

प्रश्न 2. रूपांतरण के लिए बुनियादी आवश्यकताएं क्या हैं?

न्यूनतम 7 शेयरधारक, न्यूनतम 3 निदेशक, MoA और AoA में परिवर्तन, तथा आवश्यक बोर्ड और शेयरधारक प्रस्तावों का पारित होना।

प्रश्न 3. धर्मांतरण के लिए कौन से फॉर्म दाखिल करने होंगे?

मुख्य रूप से एमजीटी-14 और आईएनसी-27, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के साथ।

प्रश्न 4. रूपांतरण प्रक्रिया में कितना समय लगता है?

आमतौर पर, इसमें लगभग 20-30 कार्य दिवस लगते हैं, जो दस्तावेज़ की तैयारी और आरओसी अनुमोदन पर निर्भर करता है।

प्रश्न 5. क्या कंपनी रजिस्ट्रार से अनुमोदन अनिवार्य है?

हां, रूपांतरण को कानूनी मान्यता देने के लिए आरओसी की मंजूरी अनिवार्य है।