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भीमा कोरेगांव मामले (2018) के आरोपी आनंद तेलतुम्बडे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी
पीठ: न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि 2018 भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी आनंद तेलतुम्बडे के खिलाफ सबूत बताते हैं कि वह 'आतंकवादी कृत्यों' में शामिल नहीं थे।
उच्च न्यायालय ने तलोजा केन्द्रीय कारागार में बंद तेलतुम्बडे को जमानत देते हुए ये टिप्पणियां कीं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा लाए गए साक्ष्यों से अदालत में आनंद तेलतुम्बडे के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला चलाने का विश्वास नहीं पैदा हुआ।
एनआईए ने कुछ साक्ष्यों के आधार पर यह दर्शाया कि तेलतुम्बडे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की एक बड़ी साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे।
हालांकि, पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष तेलतुंबडे के साथ कथित अपराध या किसी विशिष्ट प्रत्यक्ष कृत्य को जोड़ने और संबंध स्थापित करने में विफल रहा। पीठ ने आगे कहा कि भले ही तेलतुंबडे माओवादी से जुड़े हों, लेकिन उन्हें आतंकवादी कृत्यों के लिए सजा नहीं मिलेगी। यूएपीए की धारा 38 और 39 (प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होना) जैसे प्रावधान लागू होंगे।
यह देखते हुए कि आनंद तेलतुम्बडे का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और वह ढाई साल से अधिक समय से सलाखों के पीछे थे, पीठ ने उन्हें जमानत दे दी।