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चोट और गंभीर चोट में क्या अंतर है?

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भारतीय दंड संहिता (IPC) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत चोट और गंभीर चोट में अंतर को समझना आपराधिक कानून की बारीकियों को जानने के लिए महत्वपूर्ण है। चोट शारीरिक दर्द, बीमारी, या दुर्बलता को दर्शाता है, जबकि गंभीर चोट अधिक गंभीर होती है, जिसमें स्थायी नुकसान या जीवन को खतरा शामिल हो सकता है। यह लेख चोट और गंभीर चोट की परिभाषा, प्रकार, कानूनी मामले, और सजा पर प्रकाश डालता है।

चोट का अर्थ

चोट का मतलब किसी व्यक्ति को शारीरिक दर्द या कष्ट पहुंचाना है। IPC की धारा 319 और BNS की धारा 114 के अनुसार, चोट तब होती है जब कोई व्यक्ति दूसरे को शारीरिक दर्द, बीमारी, या दुर्बलता पहुंचाता है।

चोट के तत्व:

  • शारीरिक दर्द: यह केवल शारीरिक पीड़ा को दर्शाता है, मानसिक या भावनात्मक दर्द इसमें शामिल नहीं है।
  • दुर्बलता: ऐसी स्थिति जिसमें शरीर कमजोर हो जाए और सामान्य कार्य करने में असमर्थ हो।
  • बीमारी: संक्रमण या बीमारी का फैलाव, जैसे संक्रामक रोग।

गंभीर चोट की परिभाषा

गंभीर चोट चोट का गंभीर रूप है। IPC की धारा 320 और BNS की धारा 116 के तहत, इसमें ऐसी चोटें शामिल हैं जो स्थायी नुकसान पहुंचाती हैं या जीवन के लिए खतरा पैदा करती हैं।

गंभीर चोट के प्रकार

  • नपुंसकता: पुरुषों में प्रजनन क्षमता को स्थायी रूप से समाप्त करना।
  • आंखों की स्थायी क्षति: दृष्टि को स्थायी रूप से खत्म कर देना।
  • बहरापन: स्थायी रूप से सुनने की क्षमता खत्म होना।
  • अंग का नुकसान: किसी अंग या जोड़ को स्थायी रूप से बेकार करना।
  • सिर या चेहरे की विकृति: चेहरे या सिर को स्थायी रूप से विकृत करना।
  • हड्डी या दांत का टूटना: हड्डी या दांत का गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होना।
  • जीवन को खतरा: ऐसी चोट जो जीवन के लिए खतरा पैदा करे या व्यक्ति को कम से कम 20 दिनों तक असमर्थ कर दे (BNS में 15 दिन)।

चोट और गंभीर चोट में अंतर

आधार चोट गंभीर चोट
अर्थ शारीरिक दर्द, बीमारी, या दुर्बलता। स्थायी नुकसान, विकृति, या जीवन को खतरा।
धारा IPC की धारा 319 और BNS की धारा 114। IPC की धारा 320 और BNS की धारा 116।
गंभीरता कम गंभीर। अत्यधिक गंभीर।
सजा 1 साल की कारावास, Rs. 10,000 तक का जुर्माना, या दोनों। 7 साल की कारावास और जुर्माना।
जमानत जमानती। गैर-जमानती।

निष्कर्ष

चोट और गंभीर चोट के बीच अंतर समझना कानूनी प्रक्रियाओं को सही ढंग से लागू करने में मदद करता है। जहां चोट शारीरिक दर्द और अस्थायी दुर्बलता को कवर करती है, वहीं गंभीर चोट अधिक गंभीर परिणामों और स्थायी नुकसान को दर्शाती है। इनके लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान अपराध की गंभीरता को दर्शाता है।

FAQs

प्रश्न 1: चोट और गंभीर चोट में क्या अंतर है?

चोट शारीरिक दर्द, बीमारी, या दुर्बलता को दर्शाती है, जबकि गंभीर चोट स्थायी क्षति या जीवन को खतरा पहुंचाने वाली चोट को दर्शाती है।

प्रश्न 2: चोट के लिए सजा क्या है?

IPC की धारा 323 के तहत, चोट पहुंचाने पर 1 साल की कारावास, Rs. 10,000 तक जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

प्रश्न 3: गंभीर चोट के प्रकार क्या हैं?

गंभीर चोट में आंखों की स्थायी क्षति, बहरापन, हड्डी का टूटना, और जीवन को खतरा पहुंचाने वाली चोटें शामिल हैं।

प्रश्न 4: खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने की सजा क्या है?

खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने पर 3 साल की सजा या जुर्माना हो सकता है।

प्रश्न 5: एसिड से गंभीर चोट की सजा क्या है?

BNS की धारा 124 के तहत, एसिड से गंभीर चोट पहुंचाने पर 10 साल की सजा, जो आजीवन कारावास तक बढ़ सकती है, और जुर्माना शामिल है।

Ref:
https://blog.ipleaders.in/hurt-and-grievous-hurt-everything-you-need-to-know-about-it/

https://www.freelaw.in/legalarticles/Hurt-and-Grievous-Hurt-Key-Differences

https://subhashahlawat.com/blog/hurt-and-grievous-hurt

https://www.legalserviceindia.com/legal/article-15680-hurt-and-grievous-hurt-a-comparative-analysis.html

https://legalupanishad.com/difference-between-hurt-and-grievous-hurt/