
[भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग II, खण्ड 3, उपखण्ड (i) में प्रकाशित]
भारत सरकार विद्युत मंत्रालय
नई दिल्ली, 17 अगस्त 2006 अधिसूचना
सा.का.नि. 481(अ).- विद्युत अधिनियम, 2003 (2003 का 36) की धारा 162 की उपधारा (1) और धारा 176 की उपधारा (2) के खंड (जेड) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार मुख्य विद्युत निरीक्षक और विद्युत निरीक्षकों की योग्यता, शक्तियों और कार्यों के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है।
1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ.- (1) इन नियमों को मुख्य विद्युत निरीक्षक तथा विद्युत निरीक्षकों की योग्यताएं, शक्तियां और कृत्य नियम, 2006 कहा जाएगा।
(2) ये सरकारी राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
2. परिभाषाएं.- (1) इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
(क) “अधिनियम” से तात्पर्य विद्युत अधिनियम, 2003 से है;
(ख) आदेश के विरुद्ध अपील के संबंध में “अपीलीय प्राधिकारी”
विद्युत निरीक्षक के आदेश के विरुद्ध अपील के संबंध में, केन्द्रीय सरकार अभिप्रेत है।
(ग) “धारा” से तात्पर्य अधिनियम की धारा से है।
(घ) “निरीक्षक” से तात्पर्य मुख्य विद्युत निरीक्षक या विद्युत निरीक्षक से है
जैसा भी मामला हो, इंस्पेक्टर द्वारा।
(2) इन नियमों में प्रयुक्त और परिभाषित नहीं किये गये किन्तु विद्युत अधिनियम, 2003 (2003 का 36) में परिभाषित शब्दों और अभिव्यक्तियों के वही अर्थ होंगे जो उस अधिनियम में हैं।
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3. नियमों की प्रयोज्यता - ये नियम निम्नलिखित के संबंध में लागू होंगे:
(i) केन्द्रीय सरकार के पूर्णतः या आंशिक रूप से स्वामित्व वाली उत्पादन कंपनी;
(ii) किसी भी अंतर-राज्यीय बिजली उत्पादन, पारेषण, व्यापार या आपूर्ति और किसी भी खान, तेल-क्षेत्र, रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्गों, हवाई अड्डों, टेलीग्राफ, प्रसारण स्टेशनों और रक्षा, डॉकयार्ड, परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठानों के किसी भी कार्य के संबंध में;
(iii) राष्ट्रीय भार प्रेषण केंद्र और क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र; और
(iv) केन्द्रीय सरकार से संबंधित या उसके नियंत्रण के अधीन कोई भी कार्य या विद्युत संस्थापन।
4. मुख्य विद्युत निरीक्षक के लिए योग्यता.- किसी व्यक्ति को मुख्य विद्युत निरीक्षक के पद पर तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक कि-
(क) उसके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से विद्युत इंजीनियरिंग में डिग्री या इसके समकक्ष डिग्री हो; और
(ख) वह विद्युत इंजीनियरी के व्यवसाय में कम से कम बीस वर्ष की अवधि से नियमित रूप से लगा हुआ है, जिसमें से कम से कम दो वर्ष विद्युत या यांत्रिक इंजीनियरी कार्यशाला में या विद्युत के उत्पादन, पारेषण या वितरण में या अधिनियम और उसके अधीन नियमों के प्रशासन में जिम्मेदारी के पद पर बिताए गए हों।
5. विद्युत निरीक्षकों के लिए योग्यताएं.- (1) किसी व्यक्ति को विद्युत निरीक्षक के रूप में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक कि -
(क) उसके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री या इसके समकक्ष डिग्री हो; और
(ख) वह कम से कम दस वर्ष की अवधि से विद्युत इंजीनियरी के कार्य में नियमित रूप से लगा हुआ हो, जिसमें से कम से कम एक वर्ष विद्युत या यांत्रिक इंजीनियरी कार्यशाला में या बिजली के उत्पादन या पारेषण या वितरण में, या
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अधिनियम और उसके अधीन नियमों के प्रशासन के लिए जिम्मेदारी की स्थिति में।
(2) विद्युत निरीक्षक के रूप में नियुक्त व्यक्ति को ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा, जिसे केन्द्रीय सरकार इस प्रयोजन के लिए आवश्यक समझे और ऐसा प्रशिक्षण सरकार की संतुष्टि के अनुसार पूरा किया जाएगा।
6. मुख्य विद्युत निरीक्षक और विद्युत निरीक्षक की शक्तियां - मुख्य विद्युत निरीक्षक और विद्युत निरीक्षक को अपने क्षेत्र में कार्यों और विद्युत प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करने की शक्तियां होंगी, जिनके संबंध में ऐसे निरीक्षक को केंद्रीय सरकार द्वारा अधिनियम की धारा 162 की उप-धारा (1) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करने और कार्यों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
7. प्रवेश और निरीक्षण की शक्तियां.- उपरोक्त नियम 6 में निर्दिष्ट निरीक्षण करने के लिए, -
(1) निरीक्षक किसी ऐसे स्थान, वाहन या जलयान में प्रवेश कर सकता है, उसका निरीक्षण और परीक्षण कर सकता है, जिसके बारे में उसके पास यह विश्वास करने का कारण हो कि उसमें ऊर्जा के उत्पादन, पारेषण, रूपान्तरण, रूपांतरण, वितरण या उपयोग में प्रयुक्त कोई युक्ति या तंत्र है और वह उसमें परीक्षण कर सकता है।
(2) प्रत्येक आपूर्तिकर्ता, उपभोक्ता, स्वामी और अधिभोगी ऐसे किसी भी निरीक्षक को ऐसी जांच और परीक्षण करने के लिए सभी उचित सुविधाएं प्रदान करेगा, जो अधिनियम की धारा 53 के तहत प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट सुरक्षा विनियमों के उचित पालन के बारे में खुद को संतुष्ट करने के लिए आवश्यक हो। भारतीय विद्युत अधिनियम, 1910 (अब निरस्त) की धारा 37 के तहत बनाए गए भारतीय विद्युत नियम, 1956 तब तक लागू रहेंगे, जब तक अधिनियम की धारा 53 के तहत विनियम नहीं बनाए जाते।
(3) निरीक्षक विद्युत आपूर्तिकर्ता से यह अपेक्षा कर सकेगा कि वह उसके द्वारा ऊर्जा आपूर्ति किए गए सभी व्यक्तियों की सूची, वे पते जहां ऐसी ऊर्जा आपूर्ति की जाती है, सेवाओं को जोड़ने का महीना, आपूर्ति का वोल्टेज, संयोजित भार और आपूर्ति का प्रयोजन प्रस्तुत करे और आपूर्तिकर्ता ऐसी अपेक्षाओं का अनुपालन करेगा।
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(4) प्रत्येक लाइसेंसधारी और उत्पादन केंद्र का प्रत्येक स्वामी, यदि निरीक्षक द्वारा ऐसा करने की अपेक्षा की जाए, तो अधिनियम या उसके अधीन विनियमों के अंतर्गत विनिर्दिष्ट सभी परीक्षणों को करने के लिए युक्तिसंगत साधन उपलब्ध कराएगा, जो उसके द्वारा ऊर्जा की आपूर्ति या उपयोग के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले उपकरणों या यंत्रों के लिए होगा।
(5) ऐसे निरीक्षण के पश्चात, निरीक्षक ऐसे निरीक्षण की तारीख से 15 दिन के भीतर प्ररूप ए में किसी लाइसेंसधारी, उपभोक्ता, स्वामी या अधिभोगी को आदेश दे सकेगा, जिसमें उसे किसी विनिर्दिष्ट विनियमन का अनुपालन करने के लिए कहा जाएगा और ऐसा आदेश प्राप्त करने वाला व्यक्ति उसमें विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर आदेश का अनुपालन करेगा और आदेश तामील करने वाले निरीक्षक को लिखित में रिपोर्ट देगा, जिसमें उल्लेख होगा कि आदेश का अनुपालन कब किया गया है:
परन्तु यदि पूर्वोक्त आदेश में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर उस व्यक्ति द्वारा, जिस पर ऐसा आदेश तामील किया गया है, आदेश के विरुद्ध अपील दायर की जाती है, तो अपील प्राधिकारी अपील का निर्णय होने तक अपना प्रवर्तन निलंबित कर सकेगा।
8. अपील.- (1) इन नियमों के अधीन दिए गए आदेश के विरुद्ध अपील निम्नलिखित स्थानों पर की जा सकेगी-
(क) यदि आदेश विद्युत निरीक्षक द्वारा दिया जाता है, तो मुख्य विद्युत निरीक्षक को;
(ख) यदि आदेश मुख्य विद्युत निरीक्षक द्वारा केन्द्रीय सरकार को दिया जाता है।
(2) उपनियम (1) के खंड (क) के अधीन मुख्य विद्युत निरीक्षक के समक्ष की गई अपील पर उसके आदेश के मामले में, आगे की अपील केन्द्रीय सरकार को की जा सकेगी।
(3) उपनियम (1) के अधीन की गई प्रत्येक अपील लिखित में होगी और उसके साथ उस आदेश की प्रति संलग्न होगी जिसके विरुद्ध अपील की गई है और उसे, जैसा भी मामला हो, उस तारीख से तीन महीने के भीतर प्रस्तुत किया जाएगा जिसको ऐसा आदेश तामील या वितरित किया गया हो।
(4) किसी अपील का निपटारा अपील प्राप्त होने की तारीख से नब्बे दिन के भीतर किया जाएगा।
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को
फॉर्म ए
आदेश का प्रारूप
चूंकि संस्थापन का निरीक्षण ....को किया गया था और चूंकि मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि आपने अधिनियम की धारा 162 की उपधारा (1) के अधीन बनाए गए नियमों और धारा 53 के अधीन बनाए गए विनियमों का निम्नलिखित संबंध में अनुपालन नहीं किया है (जहां आवश्यक हो वहां विशिष्टियां दी जाएं) अर्थात् .....आपसे ....दिनांक ..........को या उससे पूर्व उक्त नियम(नियमों)/विनियम(विनियमों) का अनुपालन करने और लिखित रूप में मुझे अनुपालन की रिपोर्ट देने का आह्वान किया जाता है।
इस आदेश के विरुद्ध उक्त नियमों के नियम 8 के अंतर्गत इस आदेश के तामील या वितरण की तारीख से तीन माह के भीतर अपील दायर की जा सकती है, किन्तु इस आदेश का अनुपालन अवश्य किया जाना चाहिए, ऐसी अपील के बावजूद, जब तक कि अपीलीय प्राधिकारी उपरोक्त पैराग्राफ में निर्दिष्ट तारीख को या उससे पूर्व इसके प्रवर्तन को निलंबित नहीं कर देता।
दिनांकित
वह दिन......
हस्ताक्षर
मुख्य विद्युत निरीक्षक या
विद्युत निरीक्षक
[फा.सं. 23/3/2004-आर एंड आर]
एसडी/-
(अजय शंकर)
भारत सरकार के अपर सचिव