भारतीय दंड संहिता
आईपीसी धारा 304- गैर इरादतन हत्या के लिए सजा
जो कोई हत्या की कोटि में न आने वाली गैर इरादतन हत्या करेगा, उसे आजीवन कारावास या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा, यदि वह कार्य, जिससे मृत्यु हुई है, मृत्यु कारित करने के आशय से या ऐसी शारीरिक चोट कारित करने के आशय से किया गया है, जिससे मृत्यु कारित होने की संभावना है;
अथवा किसी अवधि के लिए कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जा सकता है, यदि कार्य इस ज्ञान के साथ किया गया हो कि उससे मृत्यु कारित होना सम्भाव्य है, किन्तु उसका उद्देश्य मृत्यु कारित करना या ऐसी शारीरिक क्षति कारित करना न हो, जिससे मृत्यु कारित होना सम्भाव्य हो।
आईपीसी धारा 304: सरल शब्दों में समझाया गया
इस धारा में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति बिना किसी इरादे के किसी की हत्या करता है, लेकिन ऐसा कुछ करता है जिससे मौत होने की संभावना हो, तो उसे आजीवन कारावास या दस साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर यह जानते हुए भी कि यह कृत्य मौत का कारण बन सकता है, लेकिन हत्या करने का कोई खास इरादा नहीं है, तो सजा दस साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकती है।
आईपीसी धारा 451 का मुख्य विवरण:
अपराध | गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड। |
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सज़ा | आजीवन कारावास या 10 वर्ष + जुर्माना (बिना इरादे के अपराध के मामले में 10 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों) |
संज्ञान | उपलब्ध किया हुआ |
जमानत | गैर जमानती |
द्वारा परीक्षण योग्य | सत्र न्यायालय |
समझौता योग्य अपराधों की प्रकृति | समझौता योग्य नहीं |