भारतीय दंड संहिता
आईपीसी धारा 308 – आपराधिक मानव वध करने का प्रयास (Attempt to Commit Culpable Homicide)

कोई भी व्यक्ति जो इस इरादे या जानकारी के साथ, और ऐसे हालात में कोई कार्य करता है कि अगर उस कार्य से किसी की मृत्यु हो जाती, तो वह हत्या न होकर गैर इरादतन हत्या का दोषी माना जाता, तो उसे तीन साल तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा; और अगर उस कार्य से किसी को चोट पहुंचती है, तो उसे सात साल तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों से सजा दी जा सकती है।
आईपीसी धारा 308: सरल भाषा में समझाया गया
आईपीसी धारा 308 उन मामलों से संबंधित है, जहां कोई व्यक्ति किसी की जान लेने की कोशिश करता है लेकिन वह कोशिश सफल नहीं होती। इस धारा में मुख्य बात यह है कि आरोपी का इरादा जान लेने का था या उसे यह पता था कि उसका काम इतना खतरनाक है कि इससे मौत हो सकती है। लेकिन क्योंकि मौत नहीं हुई, इसलिए इसे "गैर इरादतन हत्या की कोशिश" माना जाता है, न कि हत्या।
उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य पर जानलेवा हमला करता है लेकिन वह व्यक्ति बच जाता है, तो आरोपी पर धारा 308 के तहत केस दर्ज हो सकता है। सजा इस बात पर निर्भर करती है कि पीड़ित को कितनी गंभीर चोट आई है। अगर गंभीर चोट होती है तो 7 साल तक की जेल और/या जुर्माना हो सकता है। अगर चोट गंभीर नहीं है, तो सजा हल्की हो सकती है, लेकिन अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखा जाता है।
आईपीसी धारा 308 के प्रमुख विवरण
अपराध | गैर इरादतन हत्या की कोशिश |
---|---|
सजा | 7 साल तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों |
ज्ञेय अपराध | ज्ञेय (Cognizable) |
जमानत | अजमानती (Non-Bailable) |
विचारणीय न्यायालय | सत्र न्यायालय (Court of Session) |
संधीय अपराध की प्रकृति | असंधीय (Non-Compoundable) |
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