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भारतीय दंड संहिता

आईपीसी धारा 354C – वॉयुरिज़्म (Voyeurism)

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कोई भी पुरुष जो किसी महिला को ऐसे निजी कार्य करते हुए देखता है या उसकी तस्वीर लेता है, जैसे कि कपड़े बदलना, जहाँ वह सामान्य रूप से यह उम्मीद करती है कि उसे कोई नहीं देख रहा है — और यह काम आरोपी खुद करता है या किसी और से करवाता है या इस तरह की तस्वीर को फैलाता है, तो पहली बार दोषी पाए जाने पर उसे कम से कम एक साल और अधिकतम तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। अगर यह अपराध दोबारा किया गया हो, तो सजा तीन साल से सात साल तक की हो सकती है और जुर्माना भी लगेगा।

आईपीसी धारा 354C: सरल शब्दों में समझाया गया

आईपीसी की धारा 354C वॉययूरिज़्म (Voyeurism) से संबंधित है। यदि कोई पुरुष किसी महिला को उसकी अनुमति के बिना निजी पल में देखता है, फोटो खींचता है या वीडियो बनाता है, जैसे कि वह कपड़े बदल रही हो, और वह स्थान ऐसा हो जहाँ महिला को गोपनीयता की उम्मीद हो, तो यह अपराध माना जाता है। पहली बार अपराध करने पर 1 से 3 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है। अपराध दोहराने पर सजा 3 से 7 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है।

आईपीसी धारा 354C के मुख्य बिंदु

अपराध

वॉययूरिज़्म (Voyeurism)

सजा

  • पहली बार अपराध पर 1 से 3 साल की सजा और/या जुर्माना
  • पुनरावृत्ति पर 3 से 7 साल की सजा और जुर्माना

ज्ञेय अपराध

ज्ञेय (Cognizable)

जमानत

पहली बार के लिए जमानती, दोहराए गए अपराध के लिए अजमानती

विचारणीय न्यायालय

किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

संधीय अपराध की प्रकृति

असंधीय (Non-Compoundable)

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