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73 वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखकर हरिद्वार में दिए गए नफरत भरे भाषणों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया
दिल्ली और हरिद्वार में आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में नफरत भरे भाषण दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को एक पत्र भेजा है। वकीलों ने सीजेआई से आग्रह किया है कि वे भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले खुलेआम नफरत भरे भाषणों का स्वतः संज्ञान लें।
वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश से आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 124ए, 153बी और 298 के तहत कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया।
पत्र में कहा गया है कि हिंदू युवा वाहिनी और यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में दिए गए भाषण न केवल नफरत भरे भाषण थे, बल्कि मुस्लिम समुदाय की हत्या का खुला आह्वान भी थे। इन भाषणों से देश की अखंडता को गंभीर खतरा है और मुस्लिम नागरिकों की जान को खतरा है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि हाल ही में दिए गए भाषण अतीत में उनके सामने आए ऐसे ही भाषणों का हिस्सा थे। इसलिए, जातीय सफाए को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों को रोकने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है, क्योंकि ये कार्यक्रम आम बात हो सकते हैं।
लेखक: पपीहा घोषाल