बातम्या
किसी विदेशी नागरिक को घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत शिकायत दर्ज कराने का अधिकार है
राजस्थान उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि एक विदेशी नागरिक घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत शिकायत दर्ज कर सकता है। न्यायालय ने कहा कि अधिनियम के तहत "पीड़ित व्यक्ति" के सादे अर्थ में अस्थायी निवासियों को भी सुरक्षा प्रदान की जाती है। न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर ने आगे कहा कि अनुच्छेद 21 ऐसे व्यक्ति को भी जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है जो भारत का नागरिक नहीं है।
हाईकोर्ट अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जोधपुर मेट्रोपॉलिटन द्वारा पारित आदेश के खिलाफ एक विदेशी नागरिक की अपील पर सुनवाई कर रहा था। पति और पत्नी दोनों ही कनाडाई नागरिक थे और पिछले 25 वर्षों से जोधपुर में रह रहे थे। याचिकाकर्ता, पति ने गैर-धारणीय आधार पर डीवी अधिनियम के तहत प्रतिवादी-शिकायतकर्ता द्वारा दायर शिकायत को खारिज करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया।
याचिकाकर्ता (पति) के वकील ने तर्क दिया कि दोनों पक्ष भारतीय नहीं हैं और इसलिए यह मामला विचारणीय है। पत्नी की ओर से पेश वकील ने कहा कि अधिनियम की धारा 2(ए) के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति में एक विदेशी नागरिक भी शामिल है, जिसने घरेलू हिंसा का सामना किया हो।
दलील के आलोक में एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी।