Talk to a lawyer @499

समाचार

सार्वजनिक या संपत्ति पर पोस्टर चिपकाना अपराध है और इसके लिए अवमानना की कार्रवाई की जाएगी

Feature Image for the blog - सार्वजनिक या संपत्ति पर पोस्टर चिपकाना अपराध है और इसके लिए अवमानना की कार्रवाई की जाएगी

मद्रास उच्च न्यायालय ने आगामी तमिलनाडु स्थानीय निकाय चुनाव के उम्मीदवारों को चेतावनी दी कि वे बिना पूर्व अनुमति के निजी और सार्वजनिक संपत्ति पर पोस्टर न लगाएं।

मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। उन पर तमिलनाडु ओपन प्लेस (विरूपण निवारण) अधिनियम, 1959 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। इसके अलावा, ऐसे उम्मीदवारों को इन पोस्टरों को हटाने का खर्च भी उठाना होगा।

उच्च न्यायालय उम्मीदवार पी. अरुमुगम की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित एक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ उनके पोस्टरों के ऊपर उनके पोस्टर चिपकाने की शिकायत दर्ज कराई थी।

तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग और ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के वकील ने तर्क दिया कि बिना अनुमति के सार्वजनिक या निजी संपत्ति पर ऐसे पोस्टर लगाना तमिलनाडु खुले स्थान (विरूपण निवारण) अधिनियम के तहत अपराध है। यह तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग द्वारा 30 नवंबर, 2021 को जारी किए गए परिपत्र का उल्लंघन है।

पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता पोस्टर चिपकाने के लिए प्राप्त अनुमति दिखाने में विफल रहा। इस आलोक में, अब मामले की अनुपालना के लिए 21 फरवरी को सुनवाई होगी।